एडमिरल डी.के.जोशी
पी.वी.एस.एम., ए.वी.एस.एम., वाई.एस.एम., एन.एम., वी.एस.एम. (अवकाश प्राप्त )
एडमिरल डी.के.जोशी, पी.वी.एस.एम.,ए.वी.एस. एम., वाई.एस.एम., एन.एम.,वी.एस.एम. (अवकाश प्राप्त ), 21वें नौसेनाध्यगक्ष थे। उन्होंषने 31 अगस्ती, 2012 को नौसेनाध्य,क्ष का पदभार ग्रहण किया। उनका जन्मी 04 जुलाई, 1954 को अल्मो,ड़ा (उत्तयराखण्ड।) में हुआ था। उनको एंटी सबमेरीन युद्धकला में महारत हासिल है।वे नौसेना वॉर कॉलेज (सं. राष्ट्र अमेरिका), नौसेना युद्धकला (वारफेयर) कॉलेज (मुम्बनई) और राष्ट्रीतय डिफेंस कॉलेज (नई दिल्लीं) के छात्र रहे हैं। वे डिफेंस सर्विस स्टाोफ कॉलेज (वेलिंगटन) में वरिष्ठ3 अनुदेशक (नौसेना) के पद पर भी तैनात रहे हैं।
एडमिरल जोशी ने विभिन्नथ कमान, स्टाौफ और प्रशिक्षण पदों पर अपनी सेवा दी है। कमान में उनकी तैनाती के दौरान उन्हों ने गाइडेड मिसाइल कॉर्वेट आइ.एन.एस. कुथर, गाइडेड मिसाइल विध्वंनसक आइ.एन.एस.रणवीर तथा विमानवाहक आइ.एन.एस. विराट का नेतृत्वस किया, इस दौरान उन्हेंम नौसेना मेडल, विशिष्टउ सेवा मेडल और युद्ध सेवा मेडल से सम्माननित किया गया। एडमिरल जोशी 1996 से 1999 तक सिंगापुर के भारतीय उच्चाियोग के साथ-साथ फिलिपिंस में भी रक्षा सलाहकार के रूप में तैनात रहे। फ्लैग रैंक में पदोन्नसती हो जाने पर एडमिरल जोशी ने पूर्वी बेडे़ का कमान संभाला, जहाँ उन्हेंल अति विशिष्टन सेवा मेडल से सम्मा नित किया गया। उन्हों ने एकीकृत मुख्यालय में सभी नोडल शाखाओं के प्रमुख के रूप में अपनी सेवा दी। उन्होंँने कार्मिक शाखा में मुख्य कार्मिक सहायक (मानव संसाधन विकास) तथा वायुयान वाहक कार्यक्रम के अधीन युद्धपोत निर्माण तथा अधिग्रहण में सहायक नियंत्रक के रूप में तथा तदोपरांत संचालन शाखा में बतौर सहायक नौसेना प्रमुख (सूचना युद्धकला तथा संचालन) और नौसेना स्टाकफ के उपाध्य।क्ष के रूप में सेवा दी।.
वर्ष 2011 में फ्लैग अफ्सर कमांडिंग इन चीफ, पूर्वी नौसेना कमान का पदभार ग्रहण करने से पूर्व वे भारत के एकमात्र त्रि-सेवा एकीकृत कमान अण्ड्मान तथा निकोबार कमान के कमांडर इन-चीफ थे। इस दौरान उन्हेंर परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मा-नित किया गया। बाद में, उन्होंथने अध्यकक्ष, चीफ ऑफ स्टादफ कमेटी के एकीकृत डिफेंस स्टाएफ के चीफ के रूप में अपनी सेवा दी।.
नौसेनाध्यपक्ष के कार्यालय की आधी अवधि भी पूरा किए बिना एडमिरल जोशी ने 26 फरवरी, 2014 को स्वे च्छार से सेवा-निवृत्ति ले लिया। 08 अक्तूधबर, 2017 को उन्होंपने अण्डैमान तथा निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यरपाल का पदभार ग्रहण किया। उन्हें द्वीप विकास अभिकरण के उपाध्यकक्ष के रूप में भी पदनामित किया गया है जिससे संबंधित आदेश जून, 2017 में जारी हुआ।.